January 13, 2025

Uttarakhand: बढ़ सकती है बेरोजगारों की संख्या, क्या चाइल्ड हेल्पलाइन के कर्मी होंगे बेरोजगार?

Dehradun: उत्तराखंड में अब बेरोजगारों की लिस्ट में चाइल्ड हेल्पलाइन सेवा 1098 से जुड़े कर्मचारी भी जुड़ सकते हैं। सरकार चाइल्ड हेल्पलाइन सेवा को पुलिस की 112 से मर्ज करने की तैयारी कर रही है।

बकाएदा इसके लिए पहल भी शुरू हो गई है। संभावना है कि आगामी अप्रैल माह से पुलिस ही चाइल्ड हेल्पलाइन के कार्यो की देखरेख करेगी। ऐसे में चाइल्ड हेल्पलाइन सेवा से जुड़े प्रदेश भर के 120 से अधिक कर्मचारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ेगी।

विगत 9 वर्षों से दे रहे है अपनी सेवाएं 

राज्य में वर्ष 2014 से बागेश्वर जिले को छोड़कर अन्य बारह जनपदों में चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 सेवा का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक जनपद में कहीं दस तो कहीं 14 कर्मचारियों की तैनाती की गई है। पिछले नौ वर्षों से यह कर्मचारी पीड़ित की आवाज बनकर उन्हें हरसंभव मदद उपलब्ध करवाते आए हैं और उन्हें न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन अब इस सेवा को सरकार पुलिस की हेल्पलाइन 112 में मर्ज करने जा रही है। कर्मचारियों की माने तो बीते पांच जनवरी को सचिव हरीश चंद्र सेमवाल की ओर से महिला कल्याण विभाग के निदेशक को पत्र भी जारी हुआ है। जिसके बाद कर्मचारी अपनी नौकरी के संशय को लेकर परेशान हैं।

बजट नहीं सरकार पर, उधारी में चल रही हेल्पलाइन 

पिथौरागढ़ चाइल्ड हेल्पलाइन सेवा को अप्रैल 2022 से बजट भी नहीं मिला है। कर्मचारी किसी तरह उधारी पर सेवा संचालित कर रहे हैं। चाइल्ड हेल्पलाइन के कोऑडिनेटर लक्ष्मण सिंह ने बताया कि प्रत्येक छह माह में चाइल्ड हेल्पलाइन इंडिया फाउंडेशन व बाल विकास मंत्रालय की ओर से बजट जारी होता है। अप्रैल 2022 के दौरान शासनस्तर को 14 लाख 36 हजार का बजट प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। लेकिन अब तक बजट प्राप्त नहीं हुआ है। इससे कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिला है।

चाइल्ड हेल्पलाइन के यह हैं कार्य

शून्य से 18 वर्ष के बच्चों की समस्याओं और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन कार्य करता है। बाल विवाह, छेड़छाड़, घरेलू हिंसा, साइबर क्राइम सहित अन्य अपराधों की स्थिति में हरसंभव मदद पहुंचाते हैं।

शासनस्तर पर चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 को पुलिस की 112 सेवा में मर्ज करने की तैयारी चल रही है। बजट के लिए धनराशि जारी होने की सूचना मिली है।- लक्ष्मण सिंह, कोऑडिनेटर चाइल्ड हेल्पलाइन पिथौरागढ़

 

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