August 21, 2025

उत्तराखंड: जो बच्चा कभी भीख माँगने को था मजबूर, वो निकला करोड़पति

कलियर: किस्मत बड़ी ही बेहतरीन चीज होती है, वह आप को कब अर्श से फर्श पर ला दे और कब आपको रंक से राजा बना दे किसी को नहीं मालूम। बड़े बुजुर्ग हमेशा कहते आये है कि व्यक्ति का वक़्त कितना भी बुरा क्यों न आ जाए पर उसको भगवान पर भरोसा रखना चाहिए वो आपका वक़्त जरूर बदलेंगे। ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड के कलियर से सामने आया है, जो भगवान पर विश्वास मजबूत करता है और साथ के साथ जिसने भी सुना उसके दिल को खुशी भी दे रहा है। खुशी एक 10 साल के मासूम के लिए जिसपर समय ने बहुत छोटी सी उम्र में बहुत बड़े बड़े सितम करे। परंतु प्रभु ने उस मासूम के लिए कुछ और ही सोचा हुआ था। आइए जानते है पूरा मामला-

यूपी के जिला सहारनपुर के गांव पंडोली में रहने वाली इमराना पति मोहम्मद नावेद के निधन के बाद 2019 में अपने ससुराल वालों से नाराज होकर अपने मायके यमुनानगर चली गई थी। वह अपने साथ करीब छह साल के बेटे शाहजेब को भी ले गई थी। सुराल पक्ष ने उसे मनाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानी। फिर बच्चे को लेकर कलियर आ गई। परिजनों ने काफी ढूंढा लेकिन कुछ पता नहीं चला।

कोरोना ने छीना मां का आंचल, तो लावारिस जिंदगी जी रहा था शाहजेब

समय का सितम तो देखो पिता का साया तो पहले ही सिर से हट गया था, परिजनों से दूर अनजान जगह पर कोरोना महामारी में मां इमराना का साया भी मासूम शाहजेब के सिर से उठा लिया। तब से शाहजेब कलियर में लावारिस जिंदगी जी रहा था। चाय व अन्य दुकानों पर काम करने के साथ ही पेट भरने को वह सड़क पर भीख भी मांगने को मजबूर था।

दादा को था भरोसा कि मिलेगा पोता, दी थी आधी जायदाद

पहले बहू का घर छोड़कर जाना और उसके बाद बेटे की मौत से दादा मोहम्मद याकूब सदमे में थे। हिमाचल में एक स्कूल से रिटायर याकूब की करीब दो साल पहले मौत हो चुकी है। उनके दो बेटों में से नावेद का निधन हो चुका, जिनके बेटे का नाम शाहजेब है। दूसरे बेटे जावेद का परिवार सहारनपुर में ही रहता है। दादा ने अपनी वसीयत में लिखा था कि जब कभी भी मेरा पोता वापस आए तो उसे आधी जायदाद सौंप दी जाए।

सोशल मीडिया के माध्यम से मिला मासूम 

सोशल मीडिया को चाहे कोई कितना भी बुरा भाला बोले पर समय समय पर ऐसा देखा जाता है कि इसका सही इस्तेमाल बहुत सी समस्याएं दूर कर देता है, यही हुआ इस मासूम के मामले मे दरअसल मासूम की फोटो परिजनों ने व्हाट्सएप ग्रुपों और सोशल साइट्स पर अपलोड कर तलाशने वाले को इनाम का एलान किया था। दूर का एक रिश्तेदार मोबिन कलियर आया था। बाजार में घूमते वक्त उसकी नजर शाहजेब पर पड़ी तो उसने वायरल फोटो से उसके चेहरे का मिलान किया। पूछने पर शाहजेब ने अपना और मां के नाम के साथ गांव का नाम सही बताया तो मोबिन ने उसके परिजनों को सूचित किया।

उसके सबसे छोटे दादा शाहआलम का परिवार अब उसे सहारनपुर ले गया है। अब उस मासूम के जीवन मे एक बार फिर से खुशियां आ गई है।