November 30, 2025

National Voter Day: समझने वाली बात “ये रिश्ता क्या कहलाता है?” राजनीति के चक्कर मे कभी आपसी संबंध न करे खराब

देहरादून: मतदान, संविधान द्वारा भारत के आम नागरिक को दिया गया सबसे अहम और शक्तिशाली अधिकार है। मतदान ही है जिसके द्वारा हम अपने वर्तमान एवं भविष्य को सुखद करने के लिए सरकारों का चयन करते है और राजनेताओं को वो शक्ति प्रदान करते है कि वह आम से खास हो जाते है।

मतदान करना है अति आवश्यक 

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि पिछले कुछ सालों में मतदान के प्रति लोगों में जागरूकता और रूचि पहले की अपेक्षा अधिक हुई है, परंतु हम फिर भी हमेशा से देखते आए है कि बहुत से लोग जिसमें शिक्षित लोग भी शामिल होते है, अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करते है। इसके पीछे वह लोग कई प्रकार के कारण भी देते है, जैसे क्या फायदा है तो सारे ही भ्रष्टाचारी, राजनेता सिर्फ अपना ही भला करते है, हमारे बारे में सोचने का समय ही कहां है किसी के पास आदि आदि।

तो हम ऐसे लोगों को बताना चाहते है कि मताधिकार ही है वो शक्ति जिसका प्रयोग कर आप अच्छे और ईमानदार व्यक्ती को चुनकर अपने एवं देश के भविष्य को सुरक्षित हाथों में सौंप सकते है।

राजनीति के चक्कर मे आपसी संबंध न करे खराब 

यह चित्र एक प्रतिष्ठित न्यूज चैनल के कार्यक्रम का है। जहाँ डिबेट के दौरान क्या हुआ होगा वो शायद बताने या समझाने की आवश्यकता नहीं है। सभी जानते है कि दो विपक्षी दलों के नेता किसी भी न्यूज चैनल पर एक दूसरे को लेकर किस तरह की टीका टिप्पणी करते हैं। यह उनकी विचारधाराओं की बात है, परंतु व्यक्तिगत रूप से एक दूसरे से अच्छे और स्वस्थ्य संबंध रखते है। यही हमारे देश की सुंदरता भी है। मतभेद होना चाहिए परंतु मनभेद नहीं। इस तस्वीर के माध्यम से हम अपने पाठकों और आम लोगों को बस यही समझाना चाहते है।

हम यहाँ किसी राजनेता या राजनैतिक दल पर प्रश्न चिह्न नहीं लगा रहे है। हम सिर्फ इस तस्वीर के माध्यम से हम अपने पाठकों और आम लोगों को बस यही समझाना चाहते है कि जब राजनेता आपस में कोई द्वेष की भावना नहीं रखते तो हम क्यों राजनीति और राजनेताओं के समर्थक बन कर आपसी संबंधों में दरारें डाल लेते है?

हो सकता है कि कई लोगों को यह सवाल तर्कहीन और बेवजह लगे परंतु छोटा ही सही यह सवाल है बहुत अहम।

अक्सर देखने को मिलता है कि न्यूज चैनल पर डिबेट के दौरान राजनेताओ के तेवर देख कर आम लोग आपस में भिड़ जाते है और आपसी संबंधों को भुला देते है जोकि गलत है।

हम राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर अपने पाठकों और हिंदुस्तान की जनता से बस 2 ही अपील करना चाहते है कि वह आज यह 2 प्रण कर ले-

  • हम सभी अपने मताधिकार का पूर्ण रूप से प्रयोग कर देश एवं राज्य को सुरक्षित हाथों में सौंपेंगे।
  • राजनीति और राजनेताओ के चक्कर मे अपने मित्रों और जानकारों से कभी भी संबंध खराब नहीं करेंगे।

 

(नोट: यह लेख किसी भी राजनैतिक दल और राजनेता पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगाता है और नाही किसी के व्यक्तिगत जीवन पर कोई सवाल उठाने के लिए है। यह सिर्फ और सिर्फ देश एवं राज्य की जनता से आपस में प्रेमपूर्ण माहौल बनाने की अपील मात्र है। इसको इसी नजरिए से देखा जाना चाहिए ऐसी हमारी प्रर्थना है।)