Haridwar: एसएसपी अजय सिंह के नेतृत्व में हरिद्वार पुलिस ने जिले में ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025 के तहत अभियान चलाकर 500 से अधिक मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की। मेडिकल की दुकानों को खंगालते हुए प्रतिबंधित नशीली दवाइयां और लाइसेंस आदि की जांच की। अनियमितता मिलने पर 85 मेडिकल स्टोरों पर पुलिस ने ताले जड़ दिए।
मेडिकल स्टोरों पर दवाइयों की आड़ में नशीले इंजेक्शन, दवाई बेचने और बीफार्मा डिग्री धारक की जगह दूसरे लोगों के मेडिकल चलाने की शिकायतें लगातार पुलिस को मिल रही थीं।
अलग-अलग टीमें की गई गठित
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने सभी थाना-कोतवाली प्रभारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए। जिसके बाद बुधवार को जनपद भर में पुलिस की अलग-अलग टीमें गठित करते हुए मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की गई। ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र, शहर कोतवाली, रानीपुर, सिडकुल थाना, बहादराबाद, पथरी, श्यामपुर और रुड़की, कलियर, मंगलौर, भगवानपुर, खानपुर, लक्सर आदि क्षेत्रों में पुलिस की अलग-अलग टीमें गठित की गई।
नशीली दवाइयाँ, इंजेक्शन बेचे तो जाना पड़ेगा जेल
संबंधित क्षेत्र के सीओ के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने मेडिकल की दुकानों पर छापे मारे। अधिकांश लाइसेंस धारकों के नाम पर दूसरे लोग मेडिकल स्टोर संचालित करते हुए पाए गए। जिसके बाद पुलिस ने मेडिकल दुकानों को बंद करा दिया। सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को सख्त हिदायत दी गई कि नियमों का पालन करते हुए संचालन करें। नशीली दवाइयां, इंजेक्शन बेचें तो जेल भेजा जाएगा।
85 मेडिकल स्टोर्स पर लटकाये ताले
शहर क्षेत्र में कुल 232 मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की गई। जिनमें 41 बंद कराए गए। जिसमें रानीपुर कोतवाली क्षेत्र में 15, शहर कोतवाली में छह, ज्वालापुर में दो, सिडकुल में एक, श्यामपुर में सात, बहादराबाद में चार, कनखल में छह मेडिकल स्टोरों को अनियमितताएं मिलने के बाद बंद करा दिए गए। देहात क्षेत्र के मंगलौर में सबसे अधिक 17 मेडिकल, भगवानपुर में 12, रुड़की में दो, गंगनहर कोतवाली क्षेत्र में दो, कलियर में तीन झबरेड़ा में दो, लक्सर में तीन, बुग्गावाला में तीन मेडिकल बंद कराए गए। जबकि पथरी, खानपुर में कोई मामला नहीं मिला।
कार्यवाही से पूरे जिले में हड़कंप
बड़े स्तर पर मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की कार्रवाई की सूचना से संचालकों में हड़कंप मच गया। देहात क्षेत्रों में खुले मेडिकल स्टोरों के शटरों को बंद कर संचालक इधर-उधर हो खिसक लिए। जबकि शहर में भी अधिकांश स्टोर संचालकों ने शाम तक अपने मेडिकलों के शटर बंद रखे। पुलिस को देख कुछ मेडिकल संचालक अपनी दुकानों के शटर खुले ही छोड़कर रफू-चक्कर हो गए।
किसी को भी मेडिकल स्टोरों की आड़ में प्रतिबंधित नशीली दवाईयां, इंजेक्शन नहीं बेचने दिए जाएंगे। ऐसा करने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा। जिलेभर में 500 से अधिक मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की गई। जिनमें अधिकांश स्टोरों पर लाइसेंस नहीं मिले। जबकि बी फार्मा डिग्रीधारक के स्थान पर दूसरे लोग दवाईयां बेचते हुए पाए गए। जबकि स्टोरों पर सीसीटीवी कैमरें भी नहीं लगे मिले। अनियमितताएं मिलने पर करीब 85 मेडिकलों को बंद करा दिया गया। सभी की रिपोर्ट बनवाकर ड्रग्स विभाग को भिजवाई गई है।
– अजय सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार
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