किसीने सही कहा है कि “आधुनिकता के इस दौर में शुद्धता की बात न ही कीजिए।” मनुष्य लाभ कमाने की दौड़ में इतना अंधा हो चला है कि वह खुद ही अपनी जान का दुश्मन बन बैठा है, क्योंकि मिलावटी वस्तुए बनाने वाला भी मनुष्य ही है, बस 2 पैसे ज्यादा कमाने के चक्कर मे अपनी ही संतान की जान से सौदा कर बैठता है।
क्योंकि य़ह दुनिया गोल है जनाब, घूम फिर के मिलावट खोरो का बेचा हुआ माल कहीं न कहीं, कभी न कभी उन्हीं के अपने खा लेते हैं।
पहले के लोग गेहूं को धो कर खुद मिल में पिसवाने ले जाते थे। लेकिन अब वक्त की कमी की वजह से लोग पैक्ड आटे को खरीदारी करने लगे हैं। पैक्ड आटे की शुद्धता की कोई गारंटी नहीं होती है। इतना ही नहीं आटे में मिलावट करके इसे धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। नकली और असली आटे की पहचान करना बहुत मुश्किल है। नकली आटा खाने की वजह से कई तरह की गंभीर समस्याएं भी जन्म ले सकती है। ऐसे में नकली आटे की पहचान करना बहुत जरूरी है।
ऐसे करे पहचान
- नकली आटे की पहचान के लिए एक गिलास पानी चाहिए। सबसे पहले गिलास में पानी लें। इसके बाद इसमें आधा चम्मच आटा डालें। फिर 10 से 20 सेकंड इंतजार करें। अगर आटा पानी में तैर रहा है तो समझ जाइए कि यह नकली है। अगर वह बैठ जाए तो वो असली है।
- दूसरा तरीका रोटी बनाते वक्त भी हो सकता है। आटा को गूंथते वक्त अगर आप देखती हैं कि वो बहुत नर्म हो गया है, तो समझ जाइए कि आटा असली है। जबकि नकली आटा मुलायम नहीं होता है। उसे गूंथते वक्त काफी मेहनत करनी पड़ती है।
- तीसरा तरीका आटा गूंथते वक्त नोटिस करें कि पानी का इस्तेमाल कितना हो रहा है। नकली आटे को गूंथने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत होती है। जबकि असली आटा जल्द गूंथ जाता है और मुलायम भी रहता है। इतना ही नहीं असली आटे की रोटियां काफी नर्म होती है। कई घंटे बाद भी यह ताजी और मुलायम रहती है। लेकिन नकली आटे की रोटी मुलायम नहीं होती है।
- चौथा तरीका आटे की मिलावट का पता करने के लिए हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मदद ली जा सकती है। हाइड्रोक्लोरिक एसिड बाजार में आसानी से मिल जाता है। इसके साथ एक टेस्ट ट्यूब लेकर आए। सबसे पहले टेस्ट ट्यूब में आधा चम्मच आटा डाले फिर हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें।फिर इसे गौर से देखें, अगरआपको इसमें कुछ छानने वाली चीज नजर आ रही है तो यह मिलावटी आटा है।इसमें चाक की मिलावट की गई है।
- नींबू से भी आटे की मिलावट का पता लगाया जा सकता है। सबसे पहले आधा चम्मच आटा लीजिए। इसमें नींबू की रस डालिए। अगर आटे से बुलबुले निकलने लगते हैं तो समझ जाइए कि आटा नकली है। इसमें खड़िया मिट्टी मिलाई गई है।
बता दें कि गेहूं के आटे में कई तरीकों से मिलावट की जाती है। आटे में कई बार चाक पाउडर मिला दिया जाता है। कई बार बोरिक पाउडर या मैदा मिलाकर भी बेचा जाता है। वहीं आटे में खड़िया मिट्टी की मिलावट की जाती है।
(डिस्क्लेमर:यह सलाह केवल आपको सामान्य जानकारी प्रदान करने के लिए दी गई है। भारत फर्स्ट न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है। )
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