Netaji Birth Anniversary: 23 जनवरी को पूरा देश नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती मनाएगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी इसे मनाने का फैसला किया है, लेकिन ये बात नेताजी की बेटी अनीता बोस को पसंद नहीं आई है।
अनीता बोस ने की RSS की निंदा
अनीता बोस ने इसकी निंदा की है और कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस आरएसएस के आलोचक थे। नेताजी आरएसएस की कार्यशैली से बिल्कुल भी सहमत नहीं थे। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने नेताजी के सिद्धांतों को कभी स्वीकार ही नहीं किया तो ऐसे में उनकी जयंती मनाना सिर्फ जुबानी सम्मान देना मात्र तो नहीं है।
कट्टर हिंदू लेकिन सभी धर्मों का सम्मान
इंडिया टुडे से बातचीत में अनीता बोस ने कहा, “मेरे पिता एक ऐसे व्यक्ति थे जो एक कट्टर हिंदू थे, लेकिन सभी धर्मों के प्रति सम्मान रखते थे और मानते थे कि हर कोई एक साथ रह सकता है। मुझे नहीं लगता कि आरएसएस इसमें विश्वास करता है। अगर आरएसएस ने नेताजी की विचारधारा को अपनाना शुरू कर दिया है, तो यह भारत के लिए अच्छा होगा। नेताजी धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते थे और मुझे यकीन नहीं है कि आरएसएस उस पर कायम है। अगर आरएसएस हिंदू राष्ट्रवादी विचारों का प्रचार करना चाहता है, तो वह नेताजी की विचारधारा से मेल नहीं खाएगा। अगर इसके लिए नेताजी का इस्तेमाल किया जाता है तो मैं इसकी तारीफ नहीं करूंगी।”
सिर्फ जुबानी सम्मान तो नहीं!
अनीता बोस ने बातचीत में आगे कहा, कि ‘मैं यह देखूंगी कि वे सिर्फ जुबानी ही नेताजी के विचारों को सम्मान तो नहीं दे रहे हैं।’ हालांकि, नेताजी की बेटी ने कहा कि वे इस बात का सम्मान करती हैं कि आरएसएस उनका 126वां जन्मदिन मना रहा है। उन्होंने बताया कि नेताजी के सिद्धांतों का उपयोग करना उपमहाद्वीप के लिए फायदेमंद होगा।


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