November 30, 2025

Haridwar: गंगा-जमुनी तहजीब और आपसी भाइचारे की मिशाल है यह मुलाक़ात, स्वामी कैलाशानंद गिरि से मिले मौलाना अरशद मदनी

हरिद्वार: यह हिन्दुस्तान है साहब यहाँ कोई कितना भी ज़हर घोलने की कोशिश करे पर उसके मंसूबे कभी कामयाब नहीं हो सकते, क्योंकि यह धरती सभी धर्मों के महान धर्म गुरुओं की है, जिन्होंने सदैव इस देश और देश की जनता का मार्गदर्शन किया है। ऐसी ही एक खबर हरिद्वार से आयी है, जहाँ जमीयत-उलेमा-ए-हिंद और मदरसा दारुल उलूम देवबंद के सदर मौलाना अरशद मदनी ने निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से मुलाकात की।

कई मायनों में अहम है यह मुलाकात 

स्वामी कैलाशानंद गिरि ने धर्मगुरु सैय्यद अरशद मदनी का भगवा शाल ओढ़ाकर स्वागत किया और पवित्र ग्रंथ श्रीमदभागवत गीता भेंट स्वरुप प्रदान कर सम्मानित किया। वही मौलाना अरशद मदनी ने महामंडलेश्वर को पवित्र कुरान भेंट की। यह मुलाकात उन कट्टर पंथियों के मुँह पर बड़ा तमाचा है जो दिन रात धर्म की आड़ में इस देश मे नफरत फैलाने का काम कर रहे है। इस सुन्दर मुलाकात में दोनों के बीच धर्म, राजनीति और देश के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा हुई।

दोनों पक्षों को भड़काने का काम करती है सियासी पार्टियां 

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरि से भेंटकर बहुत अच्छा लगा। हमारे देश में हिंदू-मुसलमान सदियों से अमन-चैन के साथ मिल-जुलकर रहते आ रहे हैं। लेकिन, सियासी पार्टियां दोनों पक्षों के बीच विवाद खड़ा करती रहती हैं।उन्होंने कहा कि यदि दोनों ओर से धर्मगुरुओं की आवाज एक-साथ उठेगी तो मुल्क में अमन-कायम होगा।

वहीं, स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि अरशद मदनी से फिर भेंटकर देश व समाज को अच्छा संदेश देने का प्रयास किया जाएगा।

दोनों धर्मगुरुओं ने आपसी सौहार्द एवं भाईचारे का संयुक्त रूप से संदेश दिया तथा आह्वान किया की देश की संप्रभुता, एकता तथा शांतिपूर्ण वातावरण बनाने में सहयोग करें ।